गुरुकुल ५

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Sunday 8 July 2012

नेह

इन पीछे छूट चुके बरसों में
क्या खोया क्या पाया?
जब भी सोचा
मन भरमाया

बरसों बरस खड़ा रहा
बिजूका बनकर
खेतों में
पंछियों को डराते
पर कभी इंसान बन पाया?
रहा आधा बिजूका
आधा इंसान

नेह की बारिश नहीं होती
सूख गए खेत?
शायद उड़ गए पंछी?
किसी और देश?
मैं कभी न बन पाया
बिजूका

इन्सान
कोशिश करें
अगर कुछ बात बन जाये

रमाकांत सिंह ०६.०७ .२०१२
तेरा तुझको अर्पण ,क्या लागे मेरा
श्री राजेशकुमार सिंह तथागत ब्लॉग के सृजन कर्ता ने मेल किया है
मेरे जन्म दिन 06.07.2012 पर आपके जन्म दिन पर एक और
कविता लिखने की कोशिश की थी. पर बात कुछ बन नहीं पाई.
जैसी लिखी है, वैसे ही भेज रहा हूँ. दरअसल लग रहा है
ये दो अलग अलग कविताएँ हैं.
चित्र गूगल से साभार

26 comments:

  1. बहुत सुन्दर.....
    सहज भावों की अभिव्यक्ति..

    अनु

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  2. नेह की बारिश हो तो बिजूका भी भीगे ... सुंदर अभिव्यक्ति

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  3. नेह की बारिश भी जरुरी है...सुन्दर अभिव्यक्ति..

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  4. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...
    :-)

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  5. सुन्दर उपमान ....
    नेह के बादल ! अब तो बरस जा

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  6. सुंदर अभिव्यक्ति

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  7. भावो का सुन्दर समायोजन......

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  8. पर कभी इंसान बन पाया ?
    रहा आधा बिजूका
    आधा इंसान,,,,,,

    भावो की सुंदर प्रस्तुति,,,अच्छा प्रयास,,,,,,

    RECENT POST...: दोहे,,,,

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  9. बिजूका बनता इंसान, क्‍या खूब...

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  10. आभार एवं पुनः अशेष शुभकामनाये

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  11. दोहरी ज़िन्दगी जीते-जीते हम ज़िन्दगी जीना ही भूल रहे हैं।

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  12. जन्मदिन की बधाई पहुंचे सिंह साहब तक|
    इंसान बनना तो मुश्किल है ही, बिजूका बनना भी सरल नहीं|

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    Replies
    1. बहुत सुन्दर रचना, सुन्दर भाव , बधाई .

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    2. बहुत सुंदर रचना ..बधाई। मेरे पोस्ट पर आने के लिए धन्यवाद।

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  13. बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति ।

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  14. बिजूका बनना आसान है इंसान बनना बहुत कठिन....सुंदर कविता !

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  15. बरसों बरस खड़ा रहा
    बिजूका बनकर
    खेतों में
    पंछियों को डराते
    पर कभी इंसान बन पाया?
    रहा आधा बिजूका
    आधा इंसान
    ....बहुत सुन्दर रचना..लाजवाब भाव..रमाकांत जी

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  16. सुन्दर रचना, सार्थक पोस्ट, बधाई.
    कृपया मेरी नवीनतम पोस्ट पर पधारकर अपना शुभाशीष प्रदान करें , आभारी होऊंगा .

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  17. सुंदर अभिव्यक्ति ....

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  18. पहले जन्मदिन की शुभकामनाएं स्वीकार करें।

    वेदों ने कहा है "मनुर्भव:" मनुष्य बनो। मनुष्य बनने की राह में कभी कभी प्राणी बिजूका गति को भी प्राप्त हो जाता है। लेकिन मनुष्य बनने की राह पर तो है।

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  19. aabhar,bahut sarthak aur sunder rachana h.

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  20. जन्मदिन की बधाई व् शुभकामनाएँ.

    प्रश्नचिन्ह छोड़ते हुए कविता अच्छी लगी.

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  21. जब बात बन जाए तो अवश्य बतायेंगे..वैसे बहुत ही अच्छी लगी ..

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